लेखनी कविता -तेरी सुधि बिन -महादेवी वर्मा

50 Part

33 times read

0 Liked

तेरी सुधि बिन -महादेवी वर्मा  तेरी सुधि बिन क्षण क्षण सूना।  कम्पित कम्पित, पुलकित पुलकित, परछा‌ईं मेरी से चित्रित, रहने दो रज का मंजु मुकुर, इस बिन शृंगार-सदन सूना! तेरी सुधि ...

Chapter

×